Ekikrit Bagvani Vikas Mission:- देश के किसानों को मजबूती प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा कई योजनाओं की शुरुआत की गई है। जिनका एकमात्र लक्ष्य किसानों की आय बढ़ाना और उनके जीवन स्तर को खुशहाल बनाना होता है। इसी तरह कृषि और किसान कल्याण, मंत्रालय भारत सरकार द्वारा बागवानी फसलों को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना की शुरुआत की गई है। जिसका नाम एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना (Mission for Integrated Development of Horticulture MIDH) है। देश के प्रत्येक राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेशों में इस योजना को लागू किया गया है। हम आपको बता दें कि एकीकृत बागवानी का अर्थ है सभी बागवानी फसलों को एक साथ इकट्ठा करना। सभी बागवानी फसलों को मिलाकर Ekikrit Bagvani Vikas Mission Yojana में शामिल किया गया है। आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराएंगे।
Ekikrit Bagvani Vikas Mission Yojana 2024
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अप्रैल 2014 में एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना (MIDH) को शुरू किया गया। एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना विभिन्न प्रकार के फलों, सब्जियों, मसाले, मशरूम, जड़ कंद फसलों, फूल व सुगंधित पौधों, नारियल, काजू, बादाम और कोको, बांस, मधुमक्खी पालन, जैविक खेती, बागवानी यंत्रीकरण इत्यादि उत्पादों के लिए केंद्र सरकार की चौमुखी विकास की वित्त पोषित योजना है। किसानो की उपज सुरक्षित रूप से भंडारण की जा सके। इसके लिए किसानों को सरकार अनुदान (सब्सिडी) देती है। उप योजन विकास कार्यक्रमों से जुड़े इस योजना के तहत कुल बजट का 85% भारत सरकार द्वारा अनुदान दिया जाता है। शेष 15% राज्य सरकार द्वारा अनुदान दिया जाता है।
केंद्र सरकार द्वारा भारत के पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों में योजना का पूरा बजट दिया जाता है। इसी तरह राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड, बांस विकास बोर्ड, केंद्रीय बागवानी संस्थान नागालैंड और राष्ट्रीय एजेंसियो के कार्यक्रमों तथा उप योजनाओं के लिए भी भारत सरकार द्वारा शत प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है।
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29th July Update:- आंवले की खेती करने पर बिहार सरकार देगी 30 हजार रुपए तक की सब्सिडी
बिहार सरकार द्वारा राज्य के किसानों को बागवानी की फसलों को लेकर प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना के तहत आंवले की खेती करने पर 50% तक की सब्सिडी दे रही है। मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना के तहत बिहार सरकार द्वारा एक हेक्टेयर में आंवले की खेती के लिए 60 हजार रुपए की इकाई निर्धारित की गई है। यदि किसान ऐसे में एक हेक्टेयर में आंवले की खेती करता है तो उसे इस योजना के तहत 50% यानी 30 हजार रुपए की सब्सिडी मिलेगी। आंवले के पौधे लगाने के 3 से 4 साल बाद इस पर फल आने शुरू हो जाते हैं। आंवले की बागवानी की सही देखभाल और प्रबंधन करने पर आप 8 से 9 साल के भीतर 1 क्विंटल तक उत्पादन कर सकते हैं। जिससे उनकी आय में बढ़ोतरी होगी। और राज्य में भी बागवानी की फसलों में वृद्धि होगी। इस योजना का लाभ लेने हेतु आवेदक कृषि विभाग की वेबसाइट horticulturebihar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
एकीकृत बागवानी विकास मिशन के बारे में जानकारी
योजना का नाम | Ekikrit Bagvani Vikas Mission Yojana |
शुरू की गई | अप्रैल 2014 |
मंत्रालय | कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार |
लाभार्थी | सभी राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश |
उद्देश्य | बागवानी क्षेत्र के चौमुखी विकास को बढ़ावा देना |
आवेदन प्रक्रिया | ऑनलाइन |
अधिकारिक वेबसाइट | http://midh.gov.in/ |
योजना का उद्देश्य
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य देशभर में फलों, सब्जियों, जड़ व कंद फसलों, मशरूम, मसाले, फूल, सुगंधित पौधों, नारियल, काजू, कोको और बांस इत्यादि के उत्पादन को बढ़ाना है। साथ ही सभी बागवानी फसलों को एक योजना में समाहित कर इनका चौमुखी विकास करना है। देश के किसानों को फसलों के विकास, अनुसंधान, विस्तारीकरण, तकनीक को बढ़ावा, फसल उपरांत प्रबंधन, प्रसंस्करण और वितरण के लिए अनुदान (सब्सिडी) प्रदान करना है। केंद्र सरकार द्वारा निरंतर बागवानी क्षेत्र में ध्यान दिया जा रहा है। जिसके तहत राष्ट्रीय बांस मिशन, राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड, नारियल विकास बोर्ड एवं केंद्रीय बागवानी संस्थान जैसे संगठनों की स्थापना की जा रही है। ताकि बागवानी क्षेत्र को और मजबूत बनाया जा सके।
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उत्तर प्रदेश सरकार की योजना
उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार एकीकृत Ekikrit Bagvani Vikas Mission के तहत अब तक 125 शीतगृह स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा इस योजना के माध्यम से लो कॉस्ट प्रिजर्वेशन इकाइयों, पैकिंग हाउस, भंडारगृह आदि की स्थापना के लिए सरकार द्वारा 182 करोड़ रुपए का अनुदान दिया जा रहा है। वहीं जनपद आगरा में केंद्रीय आलू अनुसंधान केंद्र की स्थापना की जाएगी। और खाद्य प्रसंस्करण परियोजनाएं 572 स्वीकृत की जाएगी।
बिहार में भी दी जा रही है सब्सिडी
आपको बता दें कि केंद्र सरकार किसानों या कि संपादक संगठनों को स्टोरेज हाउस बड़े स्तर पर स्थापित करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करती है। इसके अलावा कई राज्य सरकारें भी ऐसा कार्य करती है। इसी प्रकार एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत बागवानी निदेशालय की तरफ से किसानों को अनुदान राशि दी जाएगी। बिहार कृषि विभाग द्वारा इस योजना के तहत किसानों के अलावा उत्पादक संगठनों को प्री कूलिंग यूनिट पर सब्सिडी सब्सिडी दी जा रही है।इस योजना के तहत 75% की सब्सिडी पर किसान उत्पादक संगठनों को 18.75 लाख रुपए दिए जा रहा है। इस कोल्ड स्टोरेज को स्थापित करने की अधिकतम लागत इकाई 25 लाख रुपए निश्चित की गई है।
Ekikrit Bagvani Vikas Mission के प्रमुख घटक
राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के घटक के रूप में निम्नलिखित उप योजनाएं हैं।
- राष्ट्रीय बागवानी मिशन (NHM)
- नारियल विकास बोर्ड (CDB)
- राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (NHB)
- केंद्रीय बागवानी संस्थान (CIH) नागालैंड
- पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों के लिए बागवानी मिशन (HMNEH)
परम्परागत कृषि विकास योजना
राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- खाता, खसरा नकल
- मोबाइल नंबर
- पासपोर्ट साइज फोटो
एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
- सबसे पहले आपको एकीकृत बागवानी विकास मिशन कृषि और किसान कल्याण विभाग मंत्रालय, भारत सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
- इसके बाद आपके सामने वेबसाइट का होम पेज खुल जाएगा।
- होम पेज पर आपको Scheme के सेक्शन में अपने राज्य का चुनाव करना होगा।
- इसके बाद आपके सामने फार्मर रजिस्ट्रेशन का फॉर्म खुल जाएगा।
- अब आपको इस फॉर्म में पूछी गई सभी आवश्यक जानकारी ध्यान पूर्वक दर्ज करनी होगी।
- सभी जानकारी दर्ज करने के बाद आपको सबमिट के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा।
- इसके बाद आपके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर किसान का बेनिफिशियरी रजिस्ट्रेशन नंबर आ जाएगा।
- जिसे आपको अपने पास भविष्य के लिए संभाल कर रखना होगा।
- इस प्रकार आप इस योजना के तहत रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।