हायर एजुकेशन इवैल्यूएशन एंड रेगुलेशन अथॉरिटी (HEERA) Single Education Regulatory Body in India [Heera act bill scheme in Hindi]
शिक्षा ना केवल देश कि वर्तमान स्थिति को मजबूत करती है अपितु इसके द्वारा शिक्षित युवा वर्ग अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर आगे बड़ने में सक्षम बनता है. हमारे यहाँ सरकार कि देखरेख में निश्चित संख्या में स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी और रिसर्च इंस्टिट्यूट चल रहें है. इस तरह के दो निकाय अखिल भारतीय तकनिकी शिक्षा परिषद् (एआईसीटीई) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) है. आने वाले समय में सरकार शिक्षा प्रणाली से जुडी कुछ इस प्रकार की व्यवस्था लागु करने जा रही है जिसमे इन दोनों निकायों को एक सिंगल निकाय के अंतर्गत शामिल किया जायेगा. शिक्षा व्यवस्था के लिए पारित हुए इस नए बिल का नाम हायर एजुकेशन इवैल्यूएशन एंड रेगुलेशन अथॉरिटी (HEERA) है. प्राप्त खबरों के मुताबिक केंद्र सरकार जल्द ही इस बिल को पास कर साल 2019 से इस पर कार्य स्टार्ट करेगी.
हीरा योजना एक्ट लांच डिटेल (Launch Detail)
बिल का नाम Name of the bill | हायर एजुकेशन इवैल्यूएशन एंड रेगुलेशन अथॉरिटी |
किसके द्वारा बनाया और सुपरवाइज किया जायेगा Designed and supervised by | मानव संसाधन विकास मंत्रालय |
प्लान सबमिशन की तारिक Action plan submission date | अप्रैल 2018 |
ऑफिसियल अनाउंसमेंट कि तारिक Official announcement date | 8 जून 2018 |
संसद में प्रेजेंटेशन Presentation in parliament | सितम्बर 2018 |
लागु होने की लगभग तारिक Estimated time of implementation | मार्च 2019 |
किसके द्वारा घोषणा की गई Announced by | मंत्री प्रकाश जावडेकर |
लाभांवित Targeted sector | उच्च शिक्षा प्रणाली |
हीरा योजना का मुख्य उद्देश्य (Main Objective)
उच्च शिक्षा के लिए एकल निकाय शिक्षा प्रणाली :
एआईसीटीइ और यूजीसी के नियम इनकी अपनी-अपनी हायर अथॉरिटी के द्वारा संचालित किये जाते है. इसलिए कई बार इन दोनों का एक स्तर पर निरिक्षण करना मुश्किल हो जाता है. इसलिए हायर एजुकेशन इवैल्यूएशन एंड रेगुलेशन अथॉरिटी का मुख्य उद्देश्य इन दोनों संस्थाओ को एक साथ लाकर एक स्तर पर जोड़ना करना है.
प्रदर्शन के अनुसार फण्ड एलोकेशन :
केंद्र सरकार द्वारा शिक्षण संस्थानों को फंड अलोट कर वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है. उच्च शिक्षण संस्थानों और रिसर्च इंस्टिट्यूट द्वारा प्राप्त की जाने वाली यह वित्तीय सहायता बहुत महत्वपूर्ण है. अब इस बिल के पास होने के बाद इन संस्थानों की प्रगति और प्रदर्शन कि निगरानी की जाएगी, और फिर इनके प्रदर्शन के हिसाब से ही इन्हें पैसा अलोट किया जायेगा. मतलब अब से सरकार की तरफ से पैसा प्राप्त करने के लिए इन संस्थानों को बेहतर प्रदर्शन करना होगा.
चल रहें प्रोजेक्ट की निगरानी :
सरकार कई अकादमिक और उच्च शिक्षा से संबंधित प्रोजेक्ट तैयार करती है. इन प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य संपूर्ण शिक्षा प्रणाली में सुधार करना है. इस एकल निकाय शिक्षा प्रणाली के लागु होने के बाद इन सभी गतिमान प्रोजेक्ट की निगरानी करना आसान हो जायेगा.
हीरा योजना एक्शन प्लान (Action Plan of the Authority)
डेवलपमेंट :
संपूर्ण शिक्षा प्रणाली और शिक्षण संस्थानों का विकास और सुधार मानव संसाधन विकास मंत्रालय का मुख्य उद्देश्य है. नीति आयोग और प्लानिंग कमीशन भी इस प्रोजेक्ट का समर्थन करतें है. परंतु अब भी कईयों के मन में इसके सफलता पूर्वक क्रियान्वयन को लेकर संदेह है.
न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता :
प्रत्येक अकादमिक कौर्स में कुछ आवश्यक शर्ते और योग्यता होती है, जिसे आवेदक को पूरा करना होता है. अब आने वाले समय में सभी शैक्षणिक प्रोग्राम के लिए न्यूनतम स्तर को ठीक कर सेट किया जायेगा .
एचओएसएचइ (HOSHE) का आगमन :
यहाँ एचओएसएचइ का पूर्ण नाम हायर आर्डर स्किल फॉर द स्टूडेंट है. इस प्रोग्राम के तहत विद्यार्थियों पर ना केवल ज्ञान प्राप्त करने के लिए दबाव डाला जायेगा अपितु उन्हें प्रोफेशनल उद्योगों के बारे में भी जानकारी प्रदान की जाएगी. विभिन्न कॉलेज और विश्वविध्यालयो द्वारा विद्यार्थियों के स्किल डेवलपमेंट पर अधिक ध्यान दिया जायेगा. ताकि जब वे अपना शिक्षण समाप्त कर कॉलेज या विश्वविध्यालय से बाहर निकले तो इंडस्ट्री में काम करने के लायक हो.
विभिन्न संस्थानों में शिक्षण कि क्वालिटी का विश्लेषण करना :
शासन द्वारा विभिन्न एजेंसीज को हायर किया जाएगा, इन एजेंसीज का कार्य विभिन्न सोर्स से डाटा इकठ्ठा कर विभिन्न संस्थानों के संबंध में रिपोर्ट तैयार करना होगा. और फिर इन रिपोर्ट कि सहायता से इन संस्थानों कि शिक्षण प्रणाली कि क्वालिटी का विश्लेषण किया जायेगा.
प्राइवेट और डिस्टेंस लर्निंग कौर्स के लिए अलग नियम :
इस नई शिक्षा प्रणाली में प्राइवेट और डिस्टेंस लर्निंग कौर्स के लिए भी अलग नियम तैयार किये जायेंगे. इस तरह के कौर्स में हिस्सा लेने वाले विद्यार्थियों को भी सामान मंच प्रदान करने के उद्देश्य से इनको दी जाने वाली शिक्षा कि गुणवत्ता में भी वृध्दि की जाएगी.
नेशनल इंस्टिट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क में सुधार :
शिक्षा प्रणाली में इन सभी नियमों को तय करने का एकमात्र उद्देश्य नेशनल इंस्टिट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क में खुद कि स्थिति सुधारकर अंतराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा में भाग लेना है.
ऑटोनोमी (autonomy) का प्रस्ताव :
इसके अंतर्गत प्रत्येक संस्थान कि प्रोग्रेस रिपोर्ट देखी जाएगी. और अगर यह रिपोर्ट संतोषजनक पाई जाती है तो उस कॉलेज या यूनिवर्सिटी को ऑटोनोमी का अधिकार दिया जायेगा. इसके द्वारा इन संस्थानों को अपने पाठ्यक्रम को चुनने और उसमे कुछ बदलाव करने के अधिकार प्राप्त होंगे, जो उनके विकास के लिए उपयुक्त होंगे.
सामाजिक विज्ञान का अधिक अध्यन :
ऐसे विषयों का अधिक अध्यन और रिसर्च की जाएगी जो कि सामाजिक विज्ञान से जुड़े हुए है. जब रिसर्च पूरी हो जाएगी तो इन मुद्दों पर सुधारो के सुझाव एकत्रित किये जायेंगे. यह देश में सामाजिक परिदृश्य को मजबूती देगा.
अन्य राष्ट्रों के साथ विशेष समझौते :
भारत ने शिक्षा के क्षेत्र में अन्य राष्ट्रों के साथ भी कुछ समझौते किये है. इस समझौते के अनुसार विदेशी छात्र भारतीय संस्थानों में दाखिला लेकर रिसर्च कार्यक्रमों में भाग ले सकते है.
इस बिल से कई संवेदनशील मुद्दे जुड़े हुए है, इसलिए इस बिल को लेकर ज्यादा उम्मीदे नहीं लगाई जा सकती. एआईसीटीइ और यूजीसी भी इसे लेकर ज्यादा खुश नहीं है, उनका कहना है कि वे अब तक अपने नियमों के अनुसार काम करते आये है. और अचानक सभी व्यवस्थाओं में परिवर्तन से कई समस्याए आयेंगी और साथ ही उनके प्रदर्शन में रूकावटे आ सकती है. इसी के साथ कइयों का मानना है कि इसके लागु होने के बाद एआईसीटीइ और यूजीसी को फंडिंग में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. अब देखना यह है कि आने वाले वर्ष तक सरकार इसे सफलता पूर्वक लागु कर पाती है या नहीं.
FAQ
Q : हायर एजुकेशन इवैल्यूएशन एंड रेगुलेशन अथॉरिटी योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
Ans : उच्च शिक्षा के लिए एकल निकाय शिक्षा प्रणाली तैयार करना.
Q : हीरा योजना एक्ट किसके द्वारा लांच किया गया है?
Ans : मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा
Q : हीरा योजना एक्ट के अंतर्गत किन्हे लाभार्थी बनाया जाता है?
Ans : शिक्षण संस्थानों को
Q : हीरा योजना एक्ट की ऑफिशल अनाउंसमेंट कब हुई थी?
Q : हीरा योजना एक्ट के अंतर्गत मुख्य रूप से क्या कार्य किए जाएंगे?
Ans : यूजीसी और एआईसीटीई की जगह एक रेगुलेटर तैयार किया जाएगा.
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