Panchvarshiya Yojana:- भारत मे नागरिको के सामाजिक व आर्थिक विकास के लिए पंचवर्षीय योजना लागू है यह योजना केन्द्र सरकार द्वारा हर पांच साल मे शुरू की जाती है। भारत मे पहली पंचवर्षीय योजना की शुरूआत वर्ष 1951 मे शुरू की गई थी। देश मे आर्थिक नियोजन की अवधारणा सोवियत रूस (यूएसएसआर) से ली गई थी। आर्थिक नियोजन प्रक्रिया के अनुसार वांछित लक्ष्यो को प्राप्त समिति प्राकृतिक संसाधनो का कुशलतापूर्वक उपयोग किया जाता है। अब तक जितनी भी पंचवर्षीय योजनाएं बनी है इस सभी योजनाओं का अपना एक अलग लक्ष्य रहा है वर्तमान मे भारत सरकार ने पंचवर्षीय योजनाओं को बंद कर दिया है।
आज हम आपको इस आर्टिकल मे सभी पंचवर्षीय योजना से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहे है साथ ही आपको बताएगें कि किस योजना का क्या उद्देश्य रहा है। और अब तक कितनी पंचवर्षीय योजना शुरू की जा चुकी है। अधिक जानकारी के लिए इस आर्टिकल को विस्तारपूर्वक अन्त तक अवश्य पढ़े।
Panchvarshiya Yojana 2024
भारत मे पंचवर्षीय योजना की शुरूआत जवाहर लाल नेहरू जी के समय से शुरू की गई थी। पंचवर्षीय योजना भारत की राष्ट्रीय योजना है। पहली पंचवर्षीय योजना 1951 मे शुरू की गई थी और 12वीं और अन्तिम योजना साल 2017 समाप्त हुई है। इन योजनाओं का संचालन योजना आयोग द्वारा किया जाता है। अब 1 जनवरी 2015 को निति आयोग की स्थापना की गई है जिसके बाद अब निति आयोग इसके संचालन का कार्यभार संभाला जाएगा। वह राज्य की ओर से कोई फैसला नही ले सकता यह केलव सलाहाकार संस्था के रूप मे कार्य करेगा और भविष्य मे नगरिको की हित मे दिशा निर्देश तय करेगा।
पंचवर्षीय योजना का मुख्य लक्ष्य औद्योगिक विकास, अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाना, कृषि विकास को बढ़ावा देना और नागरिको को रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराकर सशक्त व आत्मनिर्भर बनाना और उनको मजबूत बनाना ईत्यादि। Panchvarshiya Yojana के माध्यम से लोगो को कई लाभ और सुविधाएं प्राप्त हुई है और यह योजनाओं काफी हद तक सफल सबित हुई है। लेकिन अब भारत मे 13वीं पंचवर्षीय योजना शुरू की चुकी है। जिसके माध्यम से देश मे कृषि विकास, रोजगार के अवसर प्रदान करना और उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए मानव एंव भौतिक संसाधन द्वारा कई सुविधाएं प्रदान की जाएगी।
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पंचवर्षीय योजना की संक्षिप्त जानकारी
योजना का नाम | Panchvarshiya Yojana |
आरम्भ की गई | भारत सरकार द्वारा |
कब आरम्भ की गई | वर्ष 1951 |
कुल वंच वर्षीय योजनाएं | 12 योजनाएं |
निति आयोग की स्थापना | 1 जनवरी 2015 |
उद्देश्य | कृषि विकास एंव अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाना। |
लाभ | रोज़गार के नए अवसर प्रदान करना। |
आधिकारिक वेबसाइट | Click Here |
Panchvarshiya Yojana का इतिहास
अब हम आपको भारत की सभी पंचवर्षीय योजनाओं के इतिहास और उनके उद्देश्य एंव प्राप्त लक्ष्यो के बारे मे जानकारी देने जा रहे है।
प्रथम पंचवर्षीय योजना 1951- 1956
पहली पंचवर्षीय योजना का समय अवधि 1951 से 1956 तक थी यह योजना हैरोड-डोमर मॉलड पर आधारित थी। प्रथम पंचवर्षीय योजना का मु्ख्य उद्देश्य देश मे कृषि विकास था। यह योजना सफल रही और 3.6 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल की थी।
द्वितीय पंचवर्षीय योजना 1956- 1961
दूसरी पंचवर्षीय योजना की समय अवधि 1956 से 1961 चली थी। यह योजना पी. सी. महालनोबिस मॉडल पर आधारित थी। इस योजना को मुख्य उद्देश्य देश के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना था। यह योजना भी अपने लक्ष्य को प्राप्त करने मे सफल रही और इस योजना ने 4.1 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल की थी।
तृतीय पंचवर्षीय योजना 1961- 1966
तीसरी पंचवर्षीय योजना की समय अवधि 1961 से 1966 तक रही इस योजना को गाडगिल योजना भी कहा जाता है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था को गतिमान बनाना और मजबूत बनाना था। यह योजना चीन से युद्ध के चलते सफल न हो सकी। और अपने लक्ष्य की प्राप्त मे असफल हो गई थी। इस योजना की वृद्धि दर का लक्ष्य 5.6 प्रतिशत था लेकिन वास्तविक वृद्धि दर 2.4 प्रतिशत रही थी।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना
योजना अवकाश
योजना अवकाश की समय अवधि 1966 से 1969 तक थी। इन तीन वर्ष मे कोई भी पंचवर्षीय योजना नही बनाई गई बल्कि हर साल एक वर्षीय योजना बनाई गई थी। और हर योजना मे कृषि और सम्बन्धित क्षेत्रो के साथ साथ उद्योग क्षेत्रो को समान प्राथमिकता दी गई योजना अवकाश का प्रमुख कारण भारत पाकिस्तान युद्ध और तीसरी पंचवर्षीय योजना भी असफल थी।
चौथी पंचवर्षीय योजना 1969- 1974
चौथी पंचवर्षीय योजना की समय अवधि 1969 से 1974 तक थी इस योजना के प्रमुख दो उद्देश्य थे पहला स्थिरता के साथ देश विकास की ओर अग्रसर और दूसरा आत्मनिर्भरता की स्थिति प्राप्त करना। इस योजना के चलते ही 1971 मे इंदिरा गांधी द्वारा गरीबी हटाओं का नारा दिया गया था यह योजना भी असफल रही थी। और 5.7 प्रतिशत विकास दर के मुकाबले केवल 3.3 प्रतिशत की विकास दर मे वृद्धि दर प्राप्त कर सकी थी।
पांचवी पंचवर्षीय योजना 1974- 1979
पांचवी Panchvarshiya Yojana की समय अवधि 1974 से 1979 तक थी जिसमे कृषि को सर्वोच्च प्रथमिकता दी गई थी। इसके बाद उद्योग और खानो को वरियता दी गई थी। यह योजना काफी हद तक सफल रही थी। जिसने 4.4 प्रतिशत लक्ष्य के मुकाबले 4.8% की वृद्धि दर हासिल की थी। पांवची पंचवर्षीय योजना का ड्राफ्ट पी. डी. धर द्वारा तैयार किया गया था। नवनिर्वाचित मोरारजी देसाई सरकार ने इस योजना को समय से पहले ही 1978 मे समाप्त कर दिया था। जब देश मे मोरारजी देसाई सत्ता मे आई थी तो उन्होने पांचवी पंचवर्षीय योजना को साल 1978 मे ही समाप्त कर दिया था और इसके स्थान पर एक वार्षिक प्लान बना दिया गया था। जिसे रोलिंग प्लान नाम दिया गया था।
छठवीं पंचवर्षीय योजना 1980- 1985
छठी पंचवर्षीय योजना की समय अवधि 1980 से 1985 तक थी इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीबी उन्मुलन और तकनीकी आत्मनिर्भरता प्राप्त करना था छठी पंचवर्षीय योजना मे भारत मे आर्थिक उदारीकरण की शुरूआत की थी। मूल्य नियंत्रण समाप्त हो गए और राशन की दुकान बंद कर दी गई थी। जिससे खाद्य वस्तुओं की कीमतो मे वृद्धि हुई थी और देश मे महंगाई बढ़ने लगी थी। इस प्रकार इस योजना से समय से नेहरू के समाजवाद का अंत हो गया था। छठी पंचवर्षीय योजना के समय से देश मे फैमली प्लानिंग की शुरूआत और नाबार्ड बैंक 1982 की स्थापना हुई थी। यह योजना भी काफी सफल रही थी। इसका विकास लक्ष्य 5.2 प्रतिशत था लेकिन इसने 5.7 की वृद्धि दर हासिल की थी।
सातवी पंचवर्षीय योजना 1985- 1990
सातवीं पंचवर्षीय योजना की समय अवधि 1985 से 1990 तक थी। इस योजना का उद्देश्य आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था की स्थापना और पर्याप्त रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराना था। 7वीं पंचवर्षीय योजना मे पहली बार निजी क्षेत्र को सार्वजनिक क्षेत्र की तुलना मे अधिक प्राथमिकता मिली थी इस योजना का विकास लक्ष्य 5.0 प्रतिशत था लेकिन इसने 6.0% वृद्धि दर हासिल की थी। वार्षिक योजनाएं केन्द्र मे अस्थिर राजनैतिक स्थिति के कारण आठवीं पंचवर्षीय योजना समय पर शुरू नही हो सकी। इस कारण 1990-91 और 1991-92 में दो वार्षिक योजनाएं बनाई बनायी गयी थी।
आठवीं पंचवर्षीय योजना 1992- 1997
आठवीं पंचवर्षीय योजना का समय 1992 से 1997 तक रहा। इस योजना मे मानव संसाधन विकास, जैसे रोज़गार शिक्षा और स्वास्थ्य के विकास को सर्वेच्च प्राथमिकता दी गई थी। 8वीं पंचवर्षीय योजना के चलते ही नरसिम्हा राव सरकार ने भारत की नई आर्थिक निति को मंजूरी दी थी। यानी देश मे उदारीकरण, निजीकरण, और वैश्वीकरण एलपीजी मॉडल की शुरूआत हुई थी। यह योजना भी सफल रही थी और इसके विकास का लक्ष्य 5.6 प्रतिशत रखा गया था। लेकिन इस योजना ने 6.8% की वार्षिक वृद्धि दर हासिल की थी।
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना
नौवीं पंचवर्षीय योजना 1997-2002
नौवीं पंचवर्षीय योजना की समय अवधि 1997 से 2002 तक रही। इस योजना का प्रमुख लक्ष्य न्याय और समानता के साथ विकास पर था। जिसे भारत की आजादी के 50वें वर्ष मे शुरू किया गया था। यह योजना अपने विकास लक्ष्य 7% की दर को प्राप्त करने मे असफल रही थी। और इसने केवल 5.6% वृद्धि दर प्राप्त की थी।
दसवीं पंचवर्षीय योजना 2002- 2007
दसवीं पंचवर्षीय योजना साल 2002 से 2007 तक रही। इस योजना का लक्ष्य भारत के प्रति व्यक्ति की आय को अगले 10 वर्षो मे दोगुना करना था। इस योजना का उद्देश्य साल 2012 तक गरीबी अनुपात को 15% प्रतिशत कम करना था। इस योजना मे 8.0% विकास दर हासिल करने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन यह योजना वास्तव मे केवल 7.2 प्रतिशत ही वृद्धि दर हासिल की जा सकी थी।
ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना 2007-2012
11वीं पंचवर्षीय योजना की समय अवधि साल 2007 से 2012 तक रही। यह योजना सी, रंगराजन द्वारा तैयार की गयी थी। ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना का प्रमुख उद्देश्य तीव्र और अधिक समावेशी विकास था। इस योजना के लिए 8.1% विकास दर हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। लेकिन यह योजना केवल 7.9 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल कर पायी थी।
बारहवीं पंचवर्षीय योजना 2012- 2017
बारहवीं पंचवर्षीय योजना वर्ष 2012 से 2017 तक चली थी। यह योजना सी. रंगराजन द्वारा तैयार की गयी थी। इस योजना का प्रमुख लक्ष्य तीव्र, अधिक समावेशी और समावेशी विकास था। इसके लिए 8% विकास दर हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। लेकिन यह योजना केवल 6.8% की वृद्धि दर हासिल कर सकी थी।
12th Panchvarshiya Yojana का उद्देश्य गैर कृषि क्षेत्र मे 50 मिलियन नए काम के अवसर पैदा करना। 0-3 साल तक के बच्चो को कुपोषण मुक्त करना। साल 2017 तक सभी गांवो को बिजली उपलब्ध कराना। ग्रामीण आबादी के 50% जनसंख्या को उचित पैयजल की सुविधा उपलब्ध कराना। हर साल 1 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र मे पेड़ लगाकर हरियाली फैलाना। देश के 90% परिवारो को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ना है।
भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने पंचवर्षीय योजनाओं को साल 2017 मे बंद कर दिया है इस प्रकार सोवियत रूस की तर्ज पर बनाई जा रही पंचवर्षीय योजनाओ के माध्यम से देश की आर्थिक नियोजन प्रणाली को बंद कर दिया गया है और अब बारहवीं पंचवर्षीय योजना ही भारत की अन्तिम पंचवर्षीय योजना कही जाएगी।
Panchvarshiya Yojana FAQs
Panchvarshiya Yojana भारत की अर्थव्यवस्था का नियोजन का आधार है जो योजना आयोग और निति आयोग के द्वारा निष्पादित और संचालित की गई है।
पहली पंचवर्षीय योजना देश मे साल 1951 मे प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू जी के द्वारा शुरू की गई थी।
देश मे कुल 12 पंचवर्षीय योजना बनायी गई है।
तीसरी पंचवर्षीय योजना के समय कृषि विकास को और अधिक बढ़ावा दिया गया।
ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना सबसे सफल पंचवर्षीय योजना रही है।